जम्मू। विस्थापित कश्मीर पंडितों के संगठन पनुन कश्मीर ने राज्य में सेना के विशेषाधिकार से छेड़छाड़ नहीं करने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि ऐसा करने से कश्मीर में आतंकवादियों व कट्टरपंथी ताकतों को शह मिलेगी। सात लाख कश्मीरी पंडितों के लिए कश्मीर में होमलैंड से कम कुछ स्वीकार नहीं होगा। शुक्रवार को पनुन कश्मीर के संयोजक डॉ. अग्निशेखर की अध्यक्षता में हुई बैठक में विशेषाधिकार मुद्दे पर चर्चा की गई। बैठक में संजय रैना, ओकांर नाथ भट्ट, संजय दतातर्य, वीके भट्ट व शिबान समेत कई नेता मौजूद थे।
मुख्यमंत्री को आड़े हाथ लेते पनुन कश्मीर ने कहा कि वह अपने बयानों से राज्य के हालात को खराब करने में जुटे हैं। वार्ताकारों पर कश्मीर केंद्रित होने का आरोप लगाते हुए संगठन ने कहा है कि वे देश के खिलाफ कार्य कर रही ताकतों से प्रभावित हैं। नियंत्रण रेखा पर गत माह हुई पंद्रह मुठभेड़ों, श्रीनगर में आतंकी हमलों, सीमा पार सक्रिय आतंकवादी प्रशिक्षण शिविरों का हवाला देते हुए डॉ. अग्निशेखर ने कहा कि मुख्यमंत्री किस आधार पर कह रहे हैं कि हालात सुधर गए हैं। संगठन ने कहा कि उमर अपने बयानों से कश्मीर समस्या को विकट बना रहे हैं। एक ओर वह स्वायत्तता को कश्मीर समस्या का हल बता रहे हैं तो दूसरी ओर कह रहे हैं कि राज्य में स्थायी शांति के लिए पाकिस्तान से बातचीत की प्रक्रिया शुरू की जाए। उन्होंने कहा कि दोनों सुझाव देश के हित में नहीं हैं। उमर यूपीए सरकार में इच्छा शक्ति की कमी का फायदा लेते हुए अलगाववादियों के एजेंडे को आगे बढ़ाने में जुटे हैं। उन्होंने सेना के विशेषाधिकार खत्म करने के समर्थन में मेधा पाटेकर की यात्रा को अलगाववादियों की शह पर हुई कार्रवाई करार दिया।
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