Saturday, October 29, 2011

कश्मीर से एएफएसपीए हटाने के खिलाफ हैं आडवाणी


तिरुवनंतपुरम। जम्मू कश्मीर से सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून को हटाए जाने के प्रस्ताव का विरोध करते हुए वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने शनिवार को कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं किया जाना चाहिए जिससे सशस्त्र बलों की स्थिति कमजोर हो।
हालांकि आडवाणी ने कहा कि इस कानून के मणिपुर से हटाए जाने का मामला बनता है और उस पर विचार किया जा सकता है। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि जहां तक जम्मू कश्मीर की बात है तो मैं नहीं समझता हूं कि इस कानून को वहां से हटाए जाने की जरूरत है। ऐसा कुछ भी नहीं किया जाना चाहिए जो सशस्त्र बलों की स्थिति को कमजोर करता हो।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर हमला बोलते हुए आडवाणी ने इस बात पर कड़ा ऐतराज जताया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते समय गठबंधन धर्म उनके रास्ते में आ जाता है। आडवाणी ने कहा कि गठबंधन धर्म केवल नीतिगत मामलों में मायने रखता है न कि ईमानदारी के मामले में।
राजग गठबंधन सरकार के दिनों की याद करते हुए आडवाणी ने कहा कि उनकी सरकार ने नए राज्यों का गठन बिना किसी समस्या कर दिया था लेकिन तेलंगाना का मामला स्थगित कर दिया गया था क्योंकि सभी सहयोगी दलों में आम सहमति की जरूरत थी।
आडवाणी ने कहा कि राजग जब सत्ता में थी उस समय मेरी पार्टी तेलंगाना राज्य के समर्थन में थी लेकिन हमारे सहयोगी इसके पक्ष में नहीं थे।
जन चेतना यात्रा के दौरान एक सभा को संबोधित करते लालकृष्ण आडवाणी 

भाजपा ने सरकार की मुद्रास्फीति की बढ़ती दर पर लगाम लगाने में विफल रहने पर भी आलोचना की जिसके कारण जीवन की बुनियादी सुविधाएं जुटाना भी दूभर हो गया है। उन्होंने देश के किसी भी हिस्से में किसानों द्वारा आत्महत्या किए जाने की खबरों पर खेद जताते हुए कहा कि इसपर रोक लगाने में मदद करने के लिए हर व्यक्ति को प्रयास करना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले आठ वर्षो में किसानों द्वारा आत्महत्या के मामलों में काफी वृद्धि हुई है।

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