Friday, October 7, 2011

सांस्कृतिक विरासत संरक्षित की जाए


जम्मू। राज्य के तीनों संभाग की सियासत में भले ही भिन्न-भिन्न सुरों का संगम हो, लेकिन सांस्कृतिक विरासत संरक्षण के मुद्दे ने तीनों संभाग के लोगों की राय एक कर दी है। राज्य की समग्र संस्कृति का प्रतीक जम्मू व कश्मीर के धार्मिक स्थलों के साथ लगती भूमि पर हुए अवैध कब्जों की जांच, शारदापीठ श्राइन के दर्शनों के लिए आवाजाही की अनुमति व अन्य मांगों को लेकर छेड़े जाने वाले संघर्ष में आल पार्टीज माइग्रेंट्स कोआर्डिनेशन कमेटी (एपीएमसीसी) ने जम्मू संभाग के मंदिरों की बदहाली और उनकी जमीनों पर हुए कब्जों की जांच की मांग को भी अपने एजेंडे में शामिल कर लिया है। कमेटी लद्दाख के धार्मिक स्थलों को भी अपने एजेंडे में शामिल कर रही है, ताकि राज्यवासियों की धार्मिक व सांस्कृतिक आस्था के प्रतीक विरासत स्थलों को सहेजने में सरकार का ध्यान दिलाया जा सके। इस मुद्दे पर कमेटी के प्रधान विनोद पंडित शुक्रवार से प्रेस क्लब परिसर में आमरण अनशन पर बैठेंगे। उन्होंने बतया कि सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के लिए उनकी जद्दोजहद तब तक जारी रहेगी जब तक उनको संरक्षित नहीं किया जाता। आंदोलन पर नजर रखने के लिए विभिन्न संगठनों के सदस्यों की कोर कमेटी भी गठित की गई है।

No comments:

Post a Comment