नई दिल्ली। सूचना अधिकार कानून (आरटीआइ) की धार कुंद करने में जुटी सरकार ने कैबिनेट को मिली छूट का हवाला देकर संसद हमले के दोषी मो. अफजल की दया याचिका से जुड़ी सूचनाओं के खुलासे से इंकार कर दिया है। गृह मंत्रालय का कहना है कि आरटीआइ के तहत कैबिनेट को दस्तावेजों के खुलासे से छूट प्राप्त है। अगर अफजल मामले का खुलासा किया तो राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रभाव पड़ सकता है। गृह मंत्रालय ने आरटीआइ कार्यकर्ता सुभाष चंद्र अग्रवाल की अर्जी के जवाब में कहा है कि वह अफजल मामले की सूचनाएं सार्वजनिक नहीं कर सकता। मंत्रालय को आरटीआइ की धारा 8 (1) ए,जी और आइ के तहत कैबिनेट को तीन तरह की सूचनाएं सार्वजनिक न करने की छूट प्राप्त है। धारा आठ-1 (ए) उन सूचनाओं को सार्वजनिक न करने की छूट प्रदान करता है, जिनसे भारत की संप्रभुता व अखंडता, सुरक्षा, देश के सामरिक, वैज्ञानिक व आर्थिक हितों तथा अन्य देशों से जुड़े संबंध प्रभावित होते हों। हालांकि, केंद्रीय सूचना आयोग ने मौत की सजा का इंतजार कर रहे कैदियों की ओर से दायर दया याचिकाओं से जुड़ी फाइल नोटिंग जारी करने की इजाजत दी है। इन लोगों के जीवन व स्वतंत्रता को ध्यान में रखकर यह इजाजत दी गई है। गृह मंत्रालय ने इससे पहले राष्ट्रपति के पास भेजी गई विभिन्न दया याचिकाओं पर फाइल नोटिंग के ब्योरे को मुहैया किया है। अग्रवाल का कहना है कि वह मंत्रालय के रुख में बदलाव से आश्चर्यचकित हैं, जिसके तहत छूट प्रदान करने वाली धाराओं का हवाला कुछ चुने हुए मामलों में सूचना देने से इंकार करने में किया गया है।
No comments:
Post a Comment